Guru Nanak Jayanti 2024: Are banks closed on Friday, November 15?
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गुरु पर्व आज: जहां-जहां पड़े प्रथम गुरु श्री गुरु नानक देव जी के चरण, वहां-वहां बने ऐतिहासिक गुरुद्वारे
15 नवंबर, 2024 को भारत गुरु नानक जयंती है। कार्तिक पूर्णिमा मनाएगा, जिस दिन कई राज्यों में बैंकों के लिए सार्वजनिक अवकाश रहेगा। और बताया गया है कि इस अवकाश का बैंकिंग सेवाओं पर क्या प्रभाव पड़ता है।
नवंबर 2024 बैंक अवकाश की मुख्य बातें
गुरु नानक जयंती के अलावा, नवंबर 2024 में कई अन्य छुट्टियां पड़ रही हैं, जिनमें शामिल हैं:
1. 1 नवंबर: विशिष्ट राज्यों में दिवाली अमावस्या और कन्नड़ राज्योत्सव
2. 2नवंबर: विक्रम संवंत नववर्ष
3. 6-7नवंबर: कुछ क्षेत्रों में छठ पूजा मनाई जाएगी
4. 12 नवंबर: ईगास-बग्वाल (उत्तराखंड)
5. 18 नवंबर: कनकदास जयंती (कर्नाटक)
6. 23 नवंबर: सेंग कुत्सनेम (मेघालय)
15 नवंबर 2024 को आज गुरु नानक जयंती मनाई जा रही है यह त्यौहार सिक्कों द्वारा सम्मिलित किया जाएगा इस त्यौहार में गुरु नानक जी की पूजा की जाती है और त्यौहार को बड़े धूमधाम से मनाया जाता है।
गुरु नानक जयंती के उपलक्ष में आज बैंक को वह इस किलो की छुट्टी अवकाश दिया गया है इस दिन के उपलक्ष में आज घर पर गुरु नानक जयंती मनाई जाएगी और गुरु नानक देव की पूजा की जाएगी।
गुरु नानक देव के जन्म के बारे में जानकारी?
गुरु नानक देव का जन्म ननकाना साहिब (अब पाकिस्तान में) राय भोईं की तलवंडी में पिता महिता कालू एवं माता तृप्ता के घर सन 1469 ई. में हुआ। वास्तव में गुरु जी का अवतरण बैसाख शुक्ल पक्ष तृतीया को हुआ, लेकिन सिख जगत में परंपरा के अनुसार उनका अवतार पर्व कार्तिक पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। अपनी चार यात्राओं के दौरान वे विश्व के अनेक भागों में गए और मानवता के धर्म का प्रचार किया।
सीखे पंथ को मानने वाले लोगों के लिए 15 नवंबर बड़ा ही विशेष दिन है. दरअसल, गुरुनानक जयंती को सिख समाज बड़े ही श्रद्धा भाव से मनाता है. इस वर्ष गुरुनानक देव की 555वीं जन्म जयंती है, जिसे प्रकाश पर्व के रूप में मनाया जाता है।
ग्वालियर में भी गुरुनानक जयंती पर सिख समाज की संगत लगती है, लेकिन क्या आप जानते हैं सिख समाज के आराध्य गुरु नानक देव का एक कनेक्शन ग्वालियर से भी रहा है. साथ ही ग्वालियर के किले पर स्थित गुरुद्वारे का इतिहास भी अपने आप में अनोखा है।
गुरु नानक जयंती को सिख पंथ के संप्रदाय बड़े धूमधाम से इस उत्सव को मानते हैं इस उत्सव में गुरु नानक देव की धूमधाम से पूजा की जाती है यह सिख पंथ वाले लोगों के लिए एक प्रकार की दीपावली होती है जैसे सभी धर्म में अलग-अलग देव की पूजा की जाती है इस धर्म में गुरु नानक देव की पूजा की जाती है।
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