भाई दूज मनाने का शुभ मुहूर्त कब का है जानिए, तिलक विधि का उपयुक्त समय कब का है, Bhai Duj Manane Ki Puri Vidhi Janiye Hindi mein

भाई दूज मनाने का शुभ मुहूर्त, तिलक विधि वे संपूर्ण जानकारी जानिए हिंदी में

Bhai duj kab manae jayegi
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बहन भाई को कब करेगी तिलक शुभ समय कब का है जानिए, Behan bhai ko kab karegi Tilak Shubh muhurt janiye



हेलो दोस्तों मैं आज आपको बताने जा रहा हूं कि भाई दूज मनाने का उपयुक्त समय क्या रहेगा देखो दोस्तों भाई दूज एक ऐसा त्यौहार है जिसमें बहन अपने भाई की सलामती के लिए भगवान से प्रार्थना करती है और तिलक द्वारा भाई को सम्मान प्रदान करती है।

और भगवान से प्रार्थना कर अपने भाई के प्रति आशीर्वाद मांगती है भाई दूज यह त्यौहार हिंदू माह कार्तिक (अक्टूबर-नवंबर) के शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन मनाया जाता है। इस त्यौहार में बहन अपने भाई के (माथे)वह सिर पर तिलक लगाकर और हाथ की कलाई पर धागा बांधकर सम्मान प्रदान करती है। यह त्योहार दीपावली के दो दिन बाद भाई दूज का त्यौहार मनाया जाता है।



भाई दूज उपयुक्त तिथि कब की है जानिए 2023 में।


हेलो दोस्तों भाई दूज की उपयुक्त तिथि 14 वे 15 नवंबर को मानी जा रही है जबकि 14 नवंबर का शुभ समय नहीं होने के कारण भाई दूज 15 नवंबर को मनाई जाएगी। 14 नवंबर को बताया जा रहा है कि भाई दूज मनाने का 14 नवंबर में कोई भी शुभ मुहूर्त नहीं है इस प्रकार आपके भाई दूज 15 नवंबर को मनाई जाएगी।


भाई दूज 2023 उपयुक्त समय व शुभ मुहूर्त जानिए।

हेलो दोस्तों भाई दूज 15 नवंबर को मनाई जाएगी और 15 नवंबर को बताया जा रहा है कि भाई दूज करने का उपयुक्त समय दोपहर 1:00 बजे से 3:00 तक माना जा रहा है और 3:00 के बाद भाई दूज करने का उपयुक्त समय नहीं है भाई दूज दोपहर 1:00 बजे से 3:00 तक मनाया जाएगा।

14 नवंबर 2023 को द्वितीया तिथि दोपहर 02:36 बजे शुरू होगी। और 15 नवंबर को दोपहर 01:47 बजे समाप्त होगी भाई दूज अपराहन का समय त्योहार के लिए एक महत्वपूर्ण अवधि, दोपहर 01:10 बजे से 03 बजे तक है: 14 नवंबर को शाम 9 बजे तक रहेगा।



भाई दूज 2023 कैसे मनाए पूरी विधि जानिए।

हेलो दोस्तों भाई दूज का त्योहार पूरे देश में पारंपरिक तरीके से मनाया जाता है। इस त्योहार बहनें चावल के आटे का उपयोग करके अपने भाइयों के लिए आसन बनाती हैं।

एक बार जब भाई सीट पर अपना स्थान ले लेते हैं, तो भाई के माथे पर सिन्दूर, दही और चावल के पेस्ट से बना 'टीका' या 'तिलक' लगाया जाता है। बहनें मिठाई, रोली और नारियल से भरी एक जीवंत थाली पकड़ कर आरती करती हैं।

इसके बाद, वे स्वादिष्ट व्यंजनों का स्वाद लेते हैं और बदले में, स्नेह और प्रशंसा के संकेत के रूप में अपने भाइयों से उपहार प्राप्त करते हैं।

यह ध्यान देने योग्य है कि त्योहार को 'भाई फोंटा,' 'भाई टीका,' 'भाऊ बीज,' और 'यमद्वितीया' सहित विभिन्न नामों से पहचाना जाता है।


इस त्यौहार को महाराष्ट्र में 'भाव बिज' भी कहा जाता है। भाई-बहन के इस उत्सव के दौरान, भाइयों को फर्श पर बैठाया जाता है, और बहनें एक वर्ग बनाती हैं। 

इस वर्ष के कैलेंडर में, अमावस्या या अमावस्या सोमवार, 13 नवंबर को है। गोवर्धन पूजा और नव वर्ष 14 नवंबर को मनाया जाएगा।



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