मिट्टी को किस प्रकार मिलेगा पोषण, मिट्टी को कैसे बनाए उपजाऊ
Mitti ko is prakar banaya upjau, यहां पर पूरी जानकारी दी गई हैं।
हेल्लो दोस्तों अक्सर पौधों के ऊपर दिखने वाली सफेद पपड़ी नुमा पौधों के लिए नुकसान दही होने के कारण साथ-साथ ही मिट्टी की उर्वरा क्षमता को भी कम करती है ऐसे पौधों की उचित देखभाल नहीं कर पाने उनमे पाने की अधिक अधिकता हो जाने या मौसम की प्रतिकूल परिवर्तनों के कारण होती है पौधों में इस प्रकार
इसे फंगस के कारण पति और पौधों की ऊपरी हिस्से के अलावा इनकी मिट्टी की उर्वरता को भी नुकसान पहुंचाती है ऐसे में हमें कुछ प्राकृतिक उपजाऊ पौधों को इस समस्या से बचा सकते हैं
मिट्टी को इस प्रकार बनाए जाओ
1. गाय का गोमूत्र या गोबर या गुण
2. मिट्टी में रेत का उपयोग
3. पानी की मात्रा का निर्धारण
4. कैल्शियम या अंडे के छिलके
5. पत्तों की खाद्य कूड़ा कचरा का उपयोग
6. नीम की खली का इस्तेमाल
दोस्तों इस प्रकार बनाए मिट्टी को उपजाऊ जानिए
गाय य गोबर और गुड
देसी गाय के साडे गोबर में कई करोड़ों सूक्ष्म जीवाणु पाए जाते हैं इन्हीं सूक्ष्म जीवाणुओं की अधिकता गमलों की मिट्टी को उपजाऊ बनाने का कार्य करती है इसके लिए पौधों की मिट्टी में गाय के गोबर और गुड़ को मिलाकर खाद के रूप में उपयोग किया जा सकता है पर इस बात का ध्यान रखें कि गाय के गोबर की सही तरह से सेड जाने के बाद ही प्रयोग करें अन्यथा गोबर की सही प्रकार से ने सड़ने पर यह पौधों को जला भी सकता है।
मिट्टी में रेत का उपयोग कैसे किया जाता है मैं आज आपको बताऊंगा।
अगर गमले या ग्रो बैग की मिट्टी ज्यादा सख्त या चिकनी है तो मिट्टी को उपजाऊ और नवी बनाने के लिए रेत का इस्तेमाल किया जा सकता है गमलों के लिए थोड़ी रेतीली मिट्टी काफी अच्छी होती है पर बहुत ज्यादा मात्रा में रेत मिला देने से भी पौधों की क्षति हो जाती है इसलिए मिट्टी में नरम और उपजाऊ बनाने के लिए मिट्टी को रात को 7: 1के अनुसार मिलाया जाता है
पानी की मात्रा का निर्धारण कैसे किया जाता है मिट्टी में जानिए
पौधों को स्वच्छ बनाने के लिए सही मात्रा में पानी देना जरूरी होता है पर जरूरत से भी ज्यादा पानी आपके गमले की मिट्टी को और पौधों के लिए नुकसान नहीं हो सकता है ऐसे में पौधों के स्वास्थ्य के लिए बेहतर रखने के लिए पानी तभी डाले जब गमले की ऊपरी परत सुखी दिखाई देने लगे और सुख जाए जब आपको गमले में पानी देना चाहिए।
कैल्शियम या अंडे के छिलके का उपयोग हम किस प्रकार कर सकते हैं मिट्टी में आज हम आपको यह बताएंगे जानिए कैसे।
तो मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के लिए कैल्शियम वेदास आवश्यक पदार्थ है जो इसके लिए मिट्टी में स्टोन पाउडर का इस्तेमाल किया जा सकता है कैल्शियम की कमी को पूरा करने के लिए अंडे के छिलके भी डाल दिए जाते हैं जिससे मिट्टी में कैल्शियम की मात्रा बनी रहे और मिट्टी उपजाऊ रहे हैं।
खेतों में पत्तों के खाता में किस प्रकार लाभ पहुंचाती है देखें।
खेतों की मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने के लिए बरगद के लिए और पीपल के पत्तों से बनी खाद का इस्तेमाल हमें करना चाहिए पर ज्यादा रखें और पत्ते भी खेतों की मिट्टी में मिलाएं रोगमुक्त और कवक रहित होने चाहिए जिससे मिट्टी उपजाऊ हो सके और मिट्टी को खराब नहीं कर सके और मिट्टी खराब होने से बचा सके।
मिट्टी को उपजाऊ बनाने के लिए नीम की खली का इस्तेमाल हम किस प्रकार करें।
नीम की खली आपके खेतो या गम लो या ग्रो बैग की मिट्टी को उपजाऊ बनाने में मददगार साबित हो सकती है परंतु यह पौधों में लगाने वाली फंगस से भी निजात दिलाती है और जीवाणु या वायरस यादव कीट पतंगों से भी हमें छुटकारा दिलाती है नीम की खली पौधों में लगने वाले कीड़े को रोकती है जो जो नीम की खली का उपयोग आप 6 महीने में एक बात तो करना चाहिए जिससे हमारे पौधों में पौधों में और मिट्टी में पोषक तत्व की मात्रा बनी रहे।
मिट्टी में फंगस से बचाव में लाभकारी है जाने कैसे
• नीम का स्प्रे बनाने के लिए 2 लीटर पानी में दो चम्मच नीम का तेल डालकर अच्छी तरह से मिला है और इस प्रेम पंप में भरकर पौधों और मिट्टी में इसका छिड़काव करें
•एप्पल साइडर बैग लेकर प्राइम बनाने के लिए 1 लीटर पानी में दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर मिला है पंप से संक्रमित पत्ती और तनु पर छिड़काव करें
• पौधों में फंगस हटाने के लिए दो 2 लीटर पानी में आधा चम्मच लिक्विड सॉप और एक बड़ा चम्मच बेकिंग सोडा मिलाकर पंप से फंगस को दूर हटाया जा सकता है छिड़काव कर कर
• 1 लीटर पानी में 2 से 3 ग्राम हल्दी पाउडर लेकर पंप पंप की सहायता सहायता से फफूंद एवं चीटियों का प्रकोप भी कम किया जा सकता है छिड़ककर
• दालचीनी के पाउडर को सीधी मिट्टी में मिला सकते हैं तथा इसको 48 घंटे तक पानी में भिगोकर इसका इस स्प्री और तनु पर करना भी लाभकारी हो सकता है।
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