पर्व और त्योहार में क्या अंतर है मैं आज आप को बताऊंगा जानिए हिंदी में पूरी जानकारी
त्योहार को क्यों मनाया जाता है, पर्व को लोग क्यों नहीं मनाते है।
जानिए पर्व और त्योहार में अंतर
सामान्य रूप से पर्व और त्योहार को एक माना जाता है, पर देखा जाए तो पर्व वे त्योहार में अन्तर है। पर्व का अर्थ होता है संधि। जिस तिथि के दिन कोई विशेष घटना या प्रसंग जुड़ जाए, वह तिथि पर्व कहलाता है। यह हमारा पर्युषण पर्व है, जो यह त्योहार नहीं है। त्योहार वह होता है, जिसमें व्यक्ति विशेष प्रकार का उत्सव मनाता है और पर्व वह होता है जिसमें विशेष प्रकार की साधना होती है। अष्टमी पर्व है, चतुर्दशी पर्व है, यह पर्यूषण पर्व है, नंदीश्वर पर्व है। ये आराधना के और साधना के पर्व है, और तीज़-त्यौहार तो रोज आते रहते है आप के यहाँ आते रहते हैं, आप उसे मनाते हैं। त्योहार वह है जिसमें एक प्रकार का उत्सव होता है, हो और पर्व वह है जिसमें भीतर का उत्साह होता हैं। पर्व उत्साह को बढ़ाता है, और त्योहार में केवल उत्सव की अभिव्यक्ति होती है।
भारत देश में पर्व और त्यौहार सबसे ज्यादा माना जाता है क्योकि भारत देश में अलग – अलग समुदाय के लोग निवास करते है, और वो लोग अपने समुदाय के हिसाब के अनुसार से त्यौहार को मानते हैं।
लेकिन कोई भी समुदाय पर्व मनाता नही दिखेगा, आपने पर्व के बारे में सुना होगा जो सिर्फ जैसे भारत मे पर्व कौन कौन से है वही अपने सुना होगा लेकिन इस लेख को आप ध्यानपूर्वक पढना ताकि आज के बाद में आपको पर्व और त्यौहार में अंतर पता चल सके |
त्यौहार हमें क्या सीख मिलती है जानिए हिन्दी मैं
त्यौहार हमारे लिए क्यों जरुरी है, फिर भी त्यौहार इंसान को कुछ नया करने की इच्छा व्यक्त करता है जैसे आप जानते होंगे की भारत के सभी राज्य के एक मुख्य त्यौहार होता है उसकी तेयारिया 1 महीने से पहले ही शुरू सुरु हो जाती है लोग आप पास में पूछते है की कैसे इस त्यौहार को केसे मनाया जाए
इससे एक तो इन्सान तनाव मुक्त हो गया, क्योकि जो व्यक्ति सभी परेशानिया भूलकर इस त्यौहार में लोगों के साथ शामिल हो जाता हैं और दूसरी बात जब लोग आप पास में एक साथ बैठेंगे तो भाई चारा और प्रेम बढता है इसलिए त्यौहार का हमारे जीवन में बहुत बड़ा महत्पूर्ण योगदान है |
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